लॉगिन

दिल्ली सरकार ने बाइक टैक्सी सर्विस पर लगाया प्रतिबंध, जानें वजह

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक ओला, उबर, रैपिडो जैसी कमर्शियल दोपहिया वाहन टैक्सी सर्विसेस के ड्राइवर टैक्सी के रूप में निजी मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
Calendar-icon

द्वारा ऋषभ परमार

clock-icon

2 मिनट पढ़े

Calendar-icon

प्रकाशित फ़रवरी 22, 2023

हमें फॉलो करें

google-news-iconWhatsapp-icon
Story

हाइलाइट्स

    दिल्ली सरकार ने एक निर्णय में राष्ट्रीय राजधानी में ओला, उबर और रैपिडो द्वारा प्रदान की जाने वाली बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया है कि यह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है, जो एग्रीगेटर्स को ₹1 लाख के जुर्माने के लिए उत्तरदायी बनाता है. दिल्ली परिवहन विभाग ने ओला, उबर, रैपिडो जैसी कमर्शियल दोपहिया वाहन टैक्सी सर्विस को बताया है कि उनके ड्राइवर प्राइवेट मोटरसाइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं.

    e05g36lg
    दिल्ली सरकार का कहना है कि प्राइवेट वाहनों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है

     

    दिल्ली सरकार ने कहा है कि यात्रियों को किराए या व्यावसायिक आधार पर निजी दोपहिया वाहनों से दिल्ली ले जाना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन माना जाएगा. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है. नोटिस के मुताबिक पहली बार अपराध करने पर ₹5,000, जबकि दूसरी बार अपराध करने पर ₹10,000 का जुर्माना और 1 साल तक की कैद की सजा हो सकती है. साथ ही इन परिस्थितियों में चालक का लाइसेंस 3 महीने के लिए रद्द भी हो सकता है.

    सरकार ने नोटिस में कहा कि कुछ ऐप आधारित कंपनियां मोटर वाहन कानून, 1988 का उल्लंघन कर रही हैं. यह कंपनी खुद को एग्रीगेटर के तौर पर पेश कर रही हैं. अगर निजी मोटरसाइकिल पर ऐसा होता है तो उन्हें ₹1 लाख का भारी भरकम जुर्माना देना होगा. यह ध्यान दिया जा सकता है कि 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों के साथ, यह स्पष्ट कर दिया गया था कि एग्रीगेटर वैध लाइसेंस के बिना काम नहीं कर सकते हैं.

    1onbar2s
    दिल्ली सरकार के मुताबिक पहली बार अपराध करने पर ₹5,000, जबकि दूसरी बार अपराध करने पर ₹10,000 का जुर्माना और 1 साल तक की कैद की सजा हो सकती है.

     

    इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाइसेंस देने से इनकार के खिलाफ राहत देने से इनकार कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने 21 दिसंबर को लाइसेंस के लिए उसकी याचिका को खारिज कर दिया था.

    Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

    पुरानी कारों पर शानदार डील

    सभी यूज़्ड कार देखें

    अपकमिंग कार्स

    अपकमिंग बाइक्स

    और ज्यादा खोजें