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दिल्ली सरकार ने 1 लाख से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों का रद्द किया रजिस्ट्रेशन

दिल्ली के रद्द पंजीकृत वाहनों को उन राज्यों में फिर से पंजीकृत किया जा सकता हैं जहां 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को संचालित करने की अनुमति है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित जनवरी 4, 2022

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हाइलाइट्स

    दिल्ली परिवहन मंत्रालय ने पुष्टि की है कि राष्ट्रीय राजधानी में एक लाख से अधिक पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. राज्य में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को अनुमति नहीं देने के दिल्ली सरकार के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है. डीजल वाहनों के अलावा 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का भी पंजीकरण रद्द किया जा रहा है. 2016 में, बढ़ते प्रदूषण के स्तर के कारण, दिल्ली सरकार ने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की पंजीकरण अवधि को बदले बिना, डीजल वाहनों की पंजीकरण अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करने के लिए परिवहन कानून में संशोधन किया था.

    यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार ने डीज़ल वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगाने की अनुमति दी

    मीडिया को संबोधित करते हुए, परिवहन मंत्री, नई दिल्ली, कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन अपनी क्षमता के एक तिहाई पर चल रहा है, विशेष पर्यावरण बसों की संख्या में वृद्धि कर रहा है. जैसे-जैसे वाहनों का जीवन बढ़ता है, वे प्रदूषण पैदा करना शुरू कर देते हैं. अभी तक यह नियम था कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को एनओसी नहीं दिया जाता था, लेकिन हाल ही में हमने आदेश में बदलाव किया है, अब हम उन सभी वाहनों को एनओसी दे रहे हैं जिन्होंने अपनी लाइफ पूरी कर ली है."

    o13g301डीटीसी ने अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना शुरू कर दिया है

    उन्होंने आगे कहा, दिल्ली में रद्द किये गये पंजीकृत वाहनों को उन राज्यों में फिर से पंजीकृत किया जा सकता है जहां 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को चलाने की अनुमति है. पुराने वाहनों को भी रेट्रोफिटिंग के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जा सकता है और सरकार पहले ही इन समाधानों की पेशकश करने वाली कंपनियों को आमंत्रित कर चुकी है. मंत्री ने आगे कहा कि इसके लिए चार से पांच कंपनियों को पहले ही पैनल में रखा जा चुका है. जहां तक ​​एनओसी का सवाल है तो परिवहन विभाग की वेबसाइट के जरिए एनओसी के लिए आवेदन किया जा सकता है.

    दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने 550 बसों के परमिट के नवीनीकरण के हिस्से के रूप में अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना शुरू कर दिया है और इस सप्ताह ऐसी और बसें चलने लगेंगी. कुछ ईको-बसें जो प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण चलाई जा रही थीं, उनमें से कुछ को प्रदूषण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवाना पड़ेगा उसके बाद वे बसें भी सड़क पर उतरेंगी.
     

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