Exclusive: फोक्सवैगन भारत में ऑटोमैटिक पोलो और वेंटो लॉन्च करने के लिए तैयार
हाइलाइट्स
फोक्सवैगन पोलो जीटी टीएसआई लौट आई है. पोलो का लोकप्रिय ऑटोमैटिक ट्रिम वापस आ गया है, लेकिन एक नए ड्राइवट्रेन के साथ. जब इस साल मार्च में कंपनी ने अपनी BS6 रेंज को केवल पेट्रोल इंजन के साथ पेश किया, तो कहा था कि पोलो और वेंटो के ऑटोमैटिक वेरिएंट जल्द ही बाज़ार में आएंगे. ये अब यह लॉन्च होने के लिए तैयार हैं. एक टॉप-डाउन रणनीति में, शुरु में दोनों कारों के ऑटोमैटिक वेरिएंट केवल सबसे महंगे ट्रिम पर उपलब्ध कराए जाएंगे. तो पोलो में यह जीटी टीएसआई बैज वाला टॉप वेरिएंट है, जबकि वेंटो पर यह हाईलाइन प्लस है. जहां पोलो की कीमत रु 9.67 लाख है वहीं वेंटो के दाम रु 12.99 लाख रखे गए हैं. दोनों कारों को कुछ हफ्तों में सस्ते ऑटोमौटिक वेरिएंट भी मिलेंगे.
शुरु में दोनों कारों के ऑटोमैटिक वेरिएंट केवल सबसे महंगे ट्रिम पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
एक स्पोर्टी लुक देने के लिए पोलो जीटी टीएसआई दिखने में थोड़ी अलग है. इसको दो एयरबैग और एबीएस (एंटी-लॉक ब्रेकिंग) भी मिलते हैं. वेंटो पर हाईलाइन प्लस मानक के रूप में 4 एयरबैग के साथ आएगी. इंजन वही 1.0 टीएसआई पेट्रोल है जो मार्च में लॉन्च हुए मैनुअल वेरिएंट पर डाला गया था. 3-सिलेंडर इंजन 109 बीएचपी और 175 एनएम पीक टॉर्क बनाता है. टॉर्क 1750 आरपीएम से लेकर 4000 आरपीएम तक साथ रहता है. मैनुअल वेरिएंट में 6-स्पीड गियरबॉक्स है, और नए ऑटो भी 6-गियर ही हैं. आपको वेंटो पर भी यही आकड़ें मिलेंगे. पहले के ऑटो और इसके बीच बड़ा फर्क है. नया गियरबॉक्स एक टॉर्क कन्वर्टर है जबकि पहले एक डुअल-क्लच हुआ करता था. यही वेंटो पर भी लागू होता है.
यह भी पढ़ें: 2020 फोक्सवैगन वेंटो 1.0 TSI रिव्यूः मज़ेदार टर्बो इंजन के बावजूद मुकाबले में पिछड़ी
हमने दोनों कारों के मैनुअल वेरिएंट को टेस्ट कर चुके हैं और इस टीएसआई मोटर ने चलाने का भरपूर मज़ा दिया. यह फोक्सवैगन के लिए अच्छा है क्योंकि कंपनी की और स्कोडा की बिक्री बढ़ाने में इस इंजन से काफी उम्मीदें हैं. जल्द आने वाली फोक्सवैगन टाएगुन कॉम्पैक्ट एसयूवी को भी यही इंजन मिलेगा, लेकिन वेंटो और पोलो के विपरीत उसे एक डीएसजी विकल्प मिल सकता है. वेंटो और पोलो काफी समय से देश में बिक रही हैं लेकिन अब भी अपने सैग्मेंट में इनकी काफी एहमियत है. नई स्कोडा रैपिड पोलो और वेंटो के साथ एक नए चलन को दिखाती है जहां 3 या 4 सिलेंडर के छोटे टर्बो-चार्ज इंजन इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं. इन तीनों के अलावा भारत में यह ह्यून्दे द्वारा किया जा रहा है जहां वेन्यू, ग्रैंड i10 Nios और ऑरा जैसी कारों को टर्बो वेरिएंट मिलते हैं. रेनॉ-निसान भी जल्द ही कुछ नई कॉम्पैक्ट कारों पर छोटे टर्बो इंजन की पेशकश कर सकती हैं.
पुरानी कारों पर शानदार डील
सभी यूज़्ड कार देखें- 16,178 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 46,324 km
- पेट्रोल
- एएमटी
- 48,000 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
- 19,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 88,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 65,000 km
- डीज़ल
- मैन्युअल
- 1,10,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 24,110 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 25,000 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
अपकमिंग कार्स
अपकमिंग बाइक्स
और ज्यादा खोजें
लेटेस्ट News
रिलेटेड आर्टिकल्स