इंडियन आर्मी ने प्रदूषण कम करने के लिए अपनाए इलैक्ट्रिक वाहन
हाइलाइट्स
केंद्र सरकार द्वारा वाहनों को इलैक्ट्रिक बनाए जाने की नीति पर अमल करते हुए इंडियन आर्मी ने भी सेना में फ्लीट वाहनों के लिए इलैक्ट्रिक कारों को चुना है. EESL और मिनिस्ट्री ऑफ पावर के सेंट्रल पीएसयू ने इन वाहनों के लिए हाथ मिलाया है और दिल्ली में भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए 10 इलैक्ट्रिक कारें उपलब्ध कराई जाएंगी. इंडियन आर्मी आने वाले समय में इन वाहनों की संख्या बढ़ाएगी जिसका मकसद पर्यावरण को बेहतर बनाने का है. फिलहाल इंडियन आर्मी को महिंद्रा ई-वेरिटो सप्लाई की जा रही है और इस प्रोजैक्ट के अलावा पीएमओ के साथ दिल्ली के कई ब्यूरोक्रैट्स को भी महिंद्रा ई-वेरिटो उपलब्ध कराई गई है.
EESL के इस टेंडर के अलावा कई राज्य सरकारें भी वाहनों को इलैक्ट्रिक बनाने में अच्छा काम कर रही हैं. इलैक्ट्रिक तकनीक को पर्यावरण में फैले प्रदूषण का उपाय माना जा रहा है. इंधन वाले वाहनों की तुलना में इलैक्ट्रिक कारें नाम मात्र की हानिकारक हैं और अब सरकार ने इनपर लगने वाले जीएसटी को भी 12प्रतिशत से घटाकर 5प्रतिशत कर दिया है, ऐसे में ये वाहन कम कीमत पर उपलब्ध होंगे. ज़्यादा से ज़्यादा लोग इलैक्ट्रिक वाहन अपनाएं इसके लिए फेम-2 स्कीम के अंतर्गत इलैक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है.
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पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इंडियन आर्मी हमेशा आगे रही है और बहुत सारी बटालियन ऐसी हैं जिन्होंने ना सिर्फ पर्यावरण की बेहतरी के लिए कई पहल की हैं, बल्की कई फॉरेस्ट भी लगाए हैं जिनसे आने वाला समय बेहतर हो सके. भारत में इंडियन आर्मी घने जांगलों से लेकर आबादी वाले क्षेत्रों में है और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आर्मी देश में जहां भी होती है, वहां के लोगों को मिलकर सेना पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने का काम करती है.
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