क्या इथेनॉल है भारत के लिए सही ईंधन विकल्प?
हाइलाइट्स
भारत में ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देशवासियों के लिए जीवन काफी कठिन बना रही हैं और वैकल्पिक ईंधन स्रोत जैसे कि सीएनजी, बायो-फ्यूल और बिजली की अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है. हांलांकि इथेनॉल जैसे बायो-फ्यूल के उपयोग को पूरी तरह से अपनाया जाना अभी बाकी है. वर्तमान में, भारत इथेनॉल के 8.5 प्रतिशत मिश्रण के साथ ईंधन का उपयोग करता है. 20 प्रतिशत मिश्रित इथेनॉल के साथ पेट्रोल बेचने का लक्ष्य को सरकार ने आगे करके 2023 कर दिया है. इससे विदेशी बाजारों से तेल लेने पर निर्भरता कम होगी, जो फिल्हाल 85 प्रतिशत से अधिक है. तो आइए एक नज़र डालते हैं इथेनॉल के फायदों और नुकसान पर.
भारत ने 20 प्रतिशत मिश्रित इथेनॉल के साथ पेट्रोल बेचने का लक्ष्य को आगे करके 2023 कर दिया है.
ज्यादातर शीरे से निर्मित, इथेनॉल एक वैकल्पिक ईंधन के रूप में अच्छी तरह से काम करता है. इसमें कोई पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन नहीं होता है बल्कि इसको जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और फॉर्मलाडेहाइड बनते हैं. अधिकांश वाहनों में पहले से ही कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन देने की तकनीक है. साथ ही इथेनॉल नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन को भी कम करता है. तो, ईंधन के रूप में, इथेनॉल साफ-सुथरा है.
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इथेनॉल ज़हरीला भी नही होता और बायोडिग्रेडेबल होने के साथ-साथ इसको संभालना और रखना भी काफी सुरक्षित है. यह एक ऑक्सीजन युक्त ईंधन है जिसमें 35 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है. एक लीटर इथेनॉल की मौजूदा कीमत ₹ 62.65 है, जो पेट्रोल या डीजल से काफी कम है. इसलिए, इथेनॉल की विशेष रूप से ऊर्जा और मोटर वाहन क्षेत्रों में बड़ी संभावनाएं हैं.
Last Updated on June 13, 2021
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