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भारतीय ऑटो बाज़ार में गई और लोगों की नौकरी, टोयोटा और ह्यूंदैई ने घटाया उत्पादन

भारतीय ऑटो इंडस्ट्री पिछले 9 महीने से गर्त में जा रही है और जुलाई में भी बिक्री में गिरावट देखी गई है. जानें अबतक कितने लोगों का रोजगार ले गई मंदी?
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित अगस्त 30, 2019

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हाइलाइट्स

    भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पिछले 9 महीने से गर्त में जा रही है और जुलाई में भी बिक्री में गिरावट देखी गई है. ऐसे में कार वाहन निर्माता कंपनियां जहां कर्मचारियों को जॉब से निकाल रही हैं, वहीं नामी कंपनियों ने इस मंदी से बचने के लिए उत्पादन गिरा दिया है. ये न्यूज़ एजेंसी ने कुछ दस्तावेज़ों को देखकर साफ किया है.

    जापान की कारमेकर टोयोटा मोटर्स और साउथ कोरियाई कंपनी ह्यूंदैई मोटर्स गर्त में जाने वाली हालिया कंपनियां हैं रॉयटर्स की मानें तो कंपनी के कर्मचारियों के दिए गए मेमो में गिरती बिक्री से मुकाबला करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन को गिरा दिया गया है. जुलाई 2019 में वाहनों की बिक्री पिछले दो दशकों में सबसे ज़्यादा कम आंकी गई है.

    बिक्री में आई गिरावट से भारतीय ऑटो सैक्टर में बड़ी संख्या में लागों का रोजगार गया है, वहीं कई कंपनियां कुछ दिन फैक्ट्री बंद रखने को मजबूर हैं.

    सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि मंदी के बुरे असर के चलते कई और कंपनियां बहुत सारे अस्थाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाली हैं.

    इंजन और एयर-कंडिशनिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी डेन्सो कॉर्प्स इंडिया ने अपने मानेसर प्लांट से कुछ कर्मचारियों की छटनी की है जिसके बारे में चार नज़दीकी सूत्रों ने बताया.

    डेन्सो के प्रवक्ता का कहना है कि ये बात झूठ है और डेडलाइन आने वाले समय में तय की जाएगी.

    दो सूत्रों ने बताया कि, भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी के एक हिस्से बेलसोनिका ने भी अपने मानेसर प्लांट में 350 से भी ज़्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. एक ईमेल में बेलसोनिका ने कहा है कि जितने भी कर्मचारियों की छंटनी हुई है वो सारे अस्थाई कर्मचारी हैं और उनमें से बहुत को साल की शुरुआत में ही इस्तीफा ले लिया गया था. रॉयटर्स ने इस महीने की शुरुआत में ये बताया था कि निर्माता कंपनियों, पुर्ज़े बनाने वालों और डीलर्स ने पहले ही 3 लाख 50 हज़ार लोगों को बेरोजगार कर दिया है.

    भारत के वित्त मंत्री के साथ 7 अगस्त को हुई मीटिंग में कार निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मंदी से निजात पाने के लिए टैक्स में कमी के साथ डीलर्स और ग्राहकों के लिए फायनेंस को आसान बनाने की बात कही है. टोयोटा ने 13 अगस्त को जारी किए नोटिस में बेंगलुरु प्लांट में 16 और 17 अगस्त को प्लांट बंद करने की बात कही थी, इसकी वजग गिरती मांग और 7,000 वाहनों का भारी स्टॉक है.

    ह्यूंदैई ने 9 अगस्त को जारी किए मेमो में कहा कि अगस्त 2019 में कंपनी के कई विभागों का उत्पादन बंद रखा जाएगा जिसमें बॉडी शॉप, पेन्ट शॉप के साथ इंजन और ट्रांसमिशन प्लांट भी शामिल हैं. ह्यूंदैई मोटर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी अगले महीने से शुरू होने वाले त्योहारों के सीज़न में बाज़ार के दोबारा पटरी पर आने की उम्मीद कर रही है. कंपनी के प्रवक्ता ने ये भी बताया कि ह्यूंदैई के किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया गया है.

    (अदिति शाह द्वारा लिखित, संपादन - युआं रोचा और मार्क पॉटर)

    (हेडलाइन के अलावा इस खबर को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा एडिट नहीं किया गया है.)

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