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निसान ने भारत पर किया लगभग 5,000 करोड़ रुपए का केस, PM मोदी को भेजा था लीगल नोटिस

निसान ने भारत पर बकाया राषि न चुकाने पर लगभग 5,000 करोड़ रुपए का केस किया है. जापान की ऑटोमेकर कंपनी निसान मोटर्स ने भारत से 770 मिलियन डॉलर बकाया राषी वसूलने के लिए अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता शुरू कर दी है. टैप कर जानें पीएम मोदी को कंपनी ने कब भेजा था नोटिस?
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द्वारा अंशुमन साकल्ले

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2 मिनट पढ़े

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प्रकाशित दिसंबर 1, 2017

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Story

हाइलाइट्स

  • 2016 में निसान ने भेजा था प्रधानमंत्री मोदी को लीगल नोटिस
  • कंपनी ने बकाया राषि वसूलने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की है
  • निसान मोटर्स का भारत पर लगभग 5,000 करोड़ रुपए बकाया है
जापान की ऑटोमेकर कंपनी निसान मोटर्स ने भारत से 770 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5,000 करोड़ रुपए बकाया राषि वसूलने के लिए अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता शुरू कर दी है. इस मामले को जानने वाले एक व्यक्ति और रूटर्स द्वारा दस्तावेज़ों की जांच के बाद ये जानकारी सामने आई है. कंपनी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में एक लीगल नोटिस पिछले साल भेजा था. 2008 में एक ऐग्रिमेंट के अनुसार निसान ने तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोला था और राज्य सरकार ने कंपनी को इन्सेंटिव नहीं चुकाया. कंपनी के भेजे गए नोटिस में बताया गया है कि कई बार इस मामले में राज्य के अधिकारियों से बात की गई और 2015 से बकाया पेमेंट की मांग की गई, लेकिन हर बार इसे नकार दिया गया.

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निसान मोटर्स के चेयरमैन कार्लोस गोस ने मार्च 2016 में प्रधानमंत्री मोदी को बकाया राषि के लिए याचिका भेजी थी जिसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसे लेकर निसान के वकील ने जुलाई 2016 में नोटिस भेजा और फैडेरल और राज्य के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत की गई. नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों के साथ कई मंत्रियों ने भी निसान को भरोसा दिलाया था कि उनकी बकाया राषि चुका दी जाएगी. सूत्रों की मानें तो बकाया राषि को लेकर पहली मध्यस्थता वाली बातचीत दिसंबर 2017 के मध्य में की जाएगी.
 
निसान के प्रवक्ता ने बताया कि हम भारत सरकार के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, लेकिन इस परिस्थिति में व्यापार का विस्तार नहीं किया जाएगा. तमिलनाडु सरकार के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि हमें आशा है सरकार जल्द ही इस मामले पर गौर करेगी और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से पहले ही निराकरण हो जाए ऐसी उम्मीद है. रूटर्स ने अधिकारी ने कहा कि हमें इस बकाया राषि को लेकर कोई विसंगति नहीं है और इस समस्या के समाधान के लिए काफी ज्यादा तत्परता से काम किया जा रहा है.

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इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को ईमेल किया गया है जिसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. कंपनी ने भारत के खिलाफ जापान के साथ व्यापक अर्थव्यवस्था साझेदारी समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है. बता दें कि भारत पर 20 अंतर्राष्ट्रीय केस हो रखे हैं जो दुनिया में किसी और इकलौते देश के खिलाफ नहीं हैं.
 
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