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ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर हुआ घोटाला, 1,000 से अधिक लोगों के साथ हुई ठगी

दिल्ली साइबर क्राइम सेल ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर से संबंधित एक पैन इंडिया घोटाले का भंडाफोड़ किया, जिसमें 1,000 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित नवंबर 15, 2022

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Story

हाइलाइट्स

    ओला इलेक्ट्रिक एक बार फिर से चर्चा में है! और इस बार इसकी वजह कंपनी का इलेक्ट्रिक स्कूटर नहीं है.दरअसल, दिल्ली साइबर सेल ने एक पैन इंडिया घोटाले में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जहां 1,000 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई थी. मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीस लोग देश के विभिन्न हिस्सों (हरियाणा, कर्नाटक और बिहार) से हैं. हम इस पर एक बयान के लिए ओला इलेक्ट्रिक के पास पहुंच गए हैं, और जैसे ही हम कंपनी से सुनेंगे कहानी को अपडेट करेंगे.

    यह भी पढ़ें: EICMA 2022 में ओला S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर ने अपनी यूरोपीय शुरुआत की

    कहा जा रहा है कि दो लोगों ने एक 'नकली ओला वेबसाइट' डिजाइन की थी और जैसे ही लोग नकली वेबसाइट के झांसे में आते थे और अपना विवरण अपलोड करते थे, कथित अपराधी अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ डिटेल्स साझा कर देते थे.

    Ola

    पुलिस ने कहा कि गिरोह उन भोले-भाले लोगों को निशाना बनाता था जो ओला स्कूटर की खोज करते हैं और इसके बारे में वेबसाइट पर जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही वे वेबसाइट पर अपनी डिटेल अपलोड की जाती है, बेंगलुरु के दोनों पुरुष अपने मोबाइल नंबर और अन्य डिटेल्स अपने गिरोह के सदस्यों के साथ दूसरे राज्यों में साझा करते हैं. इसके बाद, बिहार और तेलंगाना के गिरोह के सदस्य पीड़ितों को फोन करते हैं और उनसे बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन ₹499 ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं. इसके बाद ग्राहकों से पंजीकरण और परिवहन शुल्क के लिए ₹70,000 देने के लिए कहा जाता है. 

    “हमने पटना में घोटाला चलाने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया और 16 लोगों को गिरफ्तार किया. जिनके पास से 114 सिम कार्ड, 60 से अधिक मोबाइल फोन और सात लैपटॉप जब्त किए गए हैं और 25 बैंक खातों में ₹5 करोड़ ट्रांजैक्शन ट्रेस किया गया है. घोटाले से अब तक कम से कम 1,000 पीड़ित लोग जुड़े हुए हैं, “डीसीपी आउटर नॉर्थ, दिल्ली, देवेश महला ने कहा.”

    दिल्ली पुलिस ने कहा कि पूरी जांच के बाद गिरोह का पर्दाफाश किया गया, जिसे IPC की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी के लिए 8 अक्टूबर, 2022 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अंजाम दिया गया.

    सूत्र: मिंट

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