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रिव्यू: 2021 टोयोटा फॉर्च्यूनर फेसलिफ्ट

टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी का फेसलिफ्ट हमारे देश में आ गया है और यह काफी कुछ बदलावों को साथ लाया है. इसके साथ ही कार का एक ज़्यादा स्पोर्टी दिखने वाला लेजेंडर वेरिएंट भी आया है. तो क्या इन बदलावों ने एसयूवी को और दमदार बना दिया है? आइए जानने की कोशिश करते हैं.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित फ़रवरी 25, 2021

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हाइलाइट्स

    टोयोटा फॉर्च्यूनर लगभग एक दशक से भारत की सबसे पसंदीदा एसयूवी में से एक रही है. यह सबसे पहले देश में 2009 में बिक्री पर गई थी और 2016 में कंपनी ने इसकी नई पीढ़ी को लॉन्च किया था, और तब कार की डिज़ाइन ने काफी लोगों को चौंका दिया था. 4 साल बाद फॉर्च्यूनर को आखिरकार एक और अपग्रेड मिल गया है. एसयूवी का फेसलिफ्ट हमारे देश में आ गया है और यह काफी कुछ बदलावों को साथ लाया है. इसके साथ ही कार का एक ज़्यादा स्पोर्टी दिखने वाला लेजेंडर वेरिएंट भी आया है. तो क्या इन बदलावों ने एसयूवी को और दमदार बना दिया है? आइए जानने की कोशिश करते हैं.

    यह भी पढ़ें: 2021 टोयोटा फॉर्च्यूनर फेसलिफ्ट भारत में लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹ 29.98 लाख

    डिज़ाइन

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    4-व्हील ड्राइव वेरिएंट को 18 इंच के पहिये मिलते हैं और 2-व्हील ड्राइव को एक साइज़ छोटे.  

    नई कार के चेहरे में बहुत सारे परिवर्तन दिखाई देते हैं. ग्रिल नई है और पहले से बड़ी हो गई है, एलईडी प्रोजेक्टर लैंप अब नए डीआरएल के साथ आते हैं और पहले की तुलना में पतली हैं. बम्पर भी बदल गया है और फॉग लैंप्स भी छोटे हो गए हैं और हाँ अब आपको आगे सिल्वर स्किड प्लेट्स भी मिलेंगी. यह स्पार्कलिंग ब्लैक क्रिस्टल शाइन कलर भी पहले नहीं देखा गया है. साइड में सबसे बड़ा बदलाव है नया अलॉय व्हील का डिज़ाइन जो आपको पहले से ज़्यादा पसंद आएगा. 4-व्हील ड्राइव वेरिएंट को 18 इंच के पहिये मिलते हैं और 2-व्हील ड्राइव को एक साइज़ छोटे. पीछे नई लाइट्स के अलावा कुछ ख़ास नहीं बदला है. अगर आप सबसे महंगे लेजेंडर वेरिएंट के चुनते हैं तो वहां आपको मिलेगी एक ज़्यादा आक्रामक ग्रिल, ज़्यादा ऊंचा बंपर, एक अलग अलॉय व्हील का डिज़ाइन और ड्युल टोन रूफ.

    यह भी पढ़ें: 2021 टोयोटा फॉर्च्यूनर फेसलिफ्ट ने लॉन्च से अबतक हासिल की 5,000 बुकिंग

    कैबिन

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    फ़ॉर्चुनर को अब कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी मिलती है. 

    उन फीचर्स से शुरु करते हैं जो फॉर्च्यूनर को पहली बार मिले हैं. दोनों आगे की सीटें अब हवादार हैं और इलेक्ट्रिक रूप से सेट होती हैं और अच्छी बात यह है कि यह मानक हैं. 8.0 इंच का स्मार्ट प्लेकास्ट टचस्क्रीन ऑडियो भी नया है और इसमें एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले कम्पैटिबिलिटी है. फ़ॉर्चुनर को अब कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी भी मिलती है, जिसका मतलब है कि आपके पास जियो फेंसिंग, रियल-टाइम ट्रैकिंग, लास्ट पार्क्ड लोकेशन आदि जैसी सुविधाएँ हैं. और हाँ कैबिन में एक नया ऑल-ब्लैक इंटीरियर विकल्प भी है. साथ ही एक 11 स्पीकर का जेबीएल साउंड सिस्टम दिया गया है लेकिन सिर्फ 4-व्हील ड्राइव मॉडल में.

    यह भी पढ़ें: टोयोटा अर्बन क्रूज़र रिव्यु: कितनी अलग है सबकॉम्पैक्ट एसयूवी

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    दूसरी रो आपको उस तरह का आराम देती है जिसकी आप तलाश कर रहे हैं. 

    दूसरी रो में कोई कैप्टैन सीट नहीं है लेकिन ये अच्छी बड़ी सीटें हैं जो आपको उस तरह का आराम देती हैं जिसकी आप तलाश कर रहे हैं. सभी 3 हेडरेस्ट एडजस्ट होते हैं, आपके पास एक सेंटर आर्म रेस्ट, रूफ माउंटेड ऐसी वेंट्स और हां ISOFIX भी हैं जो कार पर एक स्टैंडर्ड फीचर है. हां सनरूफ की कमी आपको यहां ज़रूर खलेगी. दूसरी रो कोई यूएसबी चार्जिंग पॉइंट भी नहीं है, जब तक आप लेजेंडर न चुनें. 
    
    यह भी पढ़ें: 2021 टोयोटा इनोवा क्रिस्टा फेसलिफ्ट भारत में लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹ 16.26 लाख
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    तीसरी रो मोड़कर काफी बड़ा बूट मिल जाता है.

    तीसरी रो में जाना आसान है क्योंकि दूसरी रो की सीटें की मुढ़ने के साछ-साथ आगे भी हो जाती हैं. लेकिन, लंबी दूरी के लिए यहां बैठना आसान नहीं है ख़ासतौर पर बड़ो लोगों के लिए. इलेक्ट्रिक टेलगेट और उसका मेमोरी फंक्शन काफी काम की चीज़े है जबकि लेजेंडर में उसे खोलने के लिए एक किक सेंसर भी है.
    

    ड्राइव

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    डीज़ल इंजन अब पहले की तुलना में अधिक शक्ति और टॉर्क बनाता है.  

    2.8 लीटर 4-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड डीज़ल इंजन अब पहले की तुलना में अधिक शक्ति और टॉर्क बनाता है. आपको 6-स्पीड मैनुअल पर 200 ब्रेक हॉर्सपावर और 420 एनएम पीक टॉर्क मिलता है, जो 1400 आरपीएम पर ही मिल जाता है और 3400 आरपीएम तक रहता है. ऑटोमैटिक पर यह और भी बेहतर हो जाता है, जिसे मैंने इस रिव्यू में चलाया. यहां 1600-2800 आरपीएम से बीच 500 एनएम मिलता है. और 2600 किलोग्राम से अधिक वजन वाली कार के लिए यह काफी मददगार साबित हुआ. टोयोटा की मानें तो कार का माईलेज भी पहले से बेहतर है. 
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    चुनने के लिए कई सारे इंजन और गियरबॉक्स विकल्प हैं. 

    डीज़ल इंजन को दोनो ऑटोमैटिक और मैनुअल गियरबॉक्स मिलते हैं और दोनो के साथ ही 2-व्हील ड्राइव और 4-व्हील ड्राइव वेरिएंट हैं. लेजेंडर में सिर्फ डीज़ल 2-व्हील ड्राइव ऑटोमैटिक वेरिएंट ही है. वहीं 2.7 लीटर पेट्रोल को भी ऑटोमैटिक और मैनुअल गियरबॉक्स दोनो दिए गए हैं लेकिन यहां काई 4-व्हील ड्राइव नहीं है. य़हां ताकत और टॉर्क भी कम है यानि 164 बीएचपी और 245 एनएम जो 4,000 rpm पर मिलता है. तो हां चुनने के लिए कई सारे इंजन और गियरबॉक्स विकल्प हैं.

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    पेट्रोल को भी ऑटोमैटिक और मैनुअल गियरबॉक्स दोनो दिए गए हैं लेकिन यहां काई 4-व्हील ड्राइव नहीं है.  

      फेसलिफ्ट से पहले वाले मॉडल की तुलना में ऑटो गियरबॉक्स के साथ यह इंजन ज़्यादा रिफांइड महसूस होता है. इसके अलावा टॉर्क डिलीवरी पहले के मुकाबले बेहतर है और गियर आसानी से बदलते हैं. अब इस कार को कठिन इलाकों और ख़राब सड़कों पर ले जाने के लिए बनाया गया है और यह काम यह बहुत अच्छा करती है. सस्पेंशन की सही सेटिंग के साथ बॉडी ऑन फ्रेम चेसिस कमाल करती हैं. हालांकि नई स्टीयरिंग कुछ हल्की है और शायद आप में से कुछ इसे पसंद न करें.

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    डीज़ल में चुनने के लिए 3 मोड हैं– ईको, नॉर्मल और स्पोर्ट.

    यहां ड्राइव मोड काम आते हैं जिनसे अन्य चीज़ों के अलावा स्टीयरिंग का हाल भी बदल जाता है. कुल मिलाकर अब डीज़ल में चुनने के लिए 3 मोड हैं– ईको, नॉर्मल और स्पोर्ट. अगर आप नॉर्मल में ओवरटेक ना कर पाएं, तो स्पोर्ट आपकी मदद ज़रूर करेगा. ईको शहरी यातायात के लिए है और इसका काम है बेहतर माइलेज देना. पेट्रोल में 2 मोड हैं - ईको और पावर. बेहतर पकड़ के लिए एसयूवी को अब ऑटो लिमिटेड स्लिप डिफरेंशियल भी मिला है यानि आपको पकड़ खोए बिना अधिकतम शक्ति मिलती है. और कार में अब डिफ-लॉक भी है जो मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद करेगा.

    सुरक्षा

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    हिल असिस्ट कंट्रोल, पार्किंग कैमरा और 7 एयरबैग सब मानक हैं.  

    सुरक्षा फीचर्स की लिस्ट काफी लंबी है. हिल असिस्ट कंट्रोल, पार्किंग कैमरा और 7 एयरबैग सब मानक हैं. SUV को अब सोनार फीचर भी मिलता है जो तंग जगह पर पार्क करने में काम आएगा. कार को आसियान एनकैप क्रैश टैस्ट में 5-सितारा रेटिंग भी मिली है.

    कीमतें

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    बेहतर पकड़ के लिए एसयूवी को अब ऑटो लिमिटेड स्लिप डिफरेंशियल भी मिला है. 

    पेट्रोल वेरिएंट सबसे सस्ते है और रु 29.98 लाख से शुरु होते हैं जबकि डीज़ल रेंज शुरु होती है रु 32.48 लाख से (ex-showroom). 4-व्हील ड्राइव मॉडलों की शुरुआती कीमत है रु 35.14 लाख और सबसे महंगा लेजेंडर वेरिएंट रु 37.58 लाख का है. तुलना में एमजी ग्लॉस्टर जो सिर्फ डीज़ल इंजन के साथ आती है जिसकी कीमत रु 29.98 लाख और रु 35.58 लाख के बीच है. एंडेवर की कीमतें रु 29.99 लाख से शुरु होती और रु 34.8 लाख तक जाती हैं. और महिंद्रा ऑलतुरस G4 की कीमत रु 28.73 लाख और 31.73 लाख के बीच हैं. यानि यह सारी SUVs फॉर्च्यूनर से सस्ती हैं और काफी फीचर्स की पेशकश करती हैं. लेकिन फॉर्च्यूनर की सड़क पर छाप कुछ अलग ही है औऱ इसी वजह से यह सेगमेंट का राजा रही है. यह नई कार तो एक फेसलिफ्ट से कहीं ज़्यादा महसूस होती है और इसको मिली हज़ारो बकिंग इस बात का सबूत है कि कार अपना ताज बर्करार रखेगी.

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    Last Updated on February 25, 2021


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