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नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मई 2021 में आई 55 % गिरावट, वजह लॉकडाउन

मई 2020 में भारतीय ऑटो निर्माताओं ने कुल 2,02,697 वाहन बेचे थे जिसके मुकाबले मई 2021 में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 164 % की बढ़ोतरी हुई है.
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द्वारा अंशुमन साकल्ले

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2 मिनट पढ़े

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प्रकाशित जून 10, 2021

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हाइलाइट्स

    फैडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन (फाडा) ने मई 2021 में बिके वाहनों के आंकड़े साझा कर दिए हैं. पिछले महीने भारत में कुल 5,35,855 नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया जो इससे पहले वाले महीने यानी अप्रैल 2021 में बिके 11,85,374 वाहन के मुकाबले महीना-दर-महीना 55 प्रतिशत की गिरावट दिखाता है. इसका एक मात्र कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर है जिसके चलते भारत में ज़्यादातर राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया था और इससे बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है. अब यहां साल-दर-साल बिक्री की तुलना भी सही नहीं होगी क्योंकि पिछले साल देशभर में लगे लॉकडाउन के चलते बिक्री लगभग ना के बराबर हुई थी, ऐसे में अनियमित बिक्री की तुलना सही नहीं होगी.

    7jd7v128मई 2020 के मुकाबले मई 2021 में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 164 % की बढ़ोतरी हुई है

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मई 2020 में भारतीय ऑटो निर्माताओं ने कुल 2,02,697 वाहन बेचे थे जिसके मुकाबले मई 2021 में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 164 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसी समय जब मई 2019 में रजिस्टर हुए वाहनों से तुलना करें तो कुल 18,22,566 नए वाहनों के मुकाबले मई 2021 में 71 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. ऑटो जगत के मई 2021 में प्रदर्शन को लेकर फाडा के प्रेसिडेंट, विंकेश गुलाटी ने कहा कि, “कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश हो बुरी तरह प्रभावित किया है और कोई भी इससे अछूता नहीं रहा है. शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाके भी बंद कर दिए गए और लगभग सभी राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया. ऑटो जगह पर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. महीना-दर-महीना बिक्री में 55 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.”

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    फाडा का कहना है कि इस बार लगा लॉकडाउन 30-45 दिन से भी ज़्यादा चला है और दक्षिण भारत के कई राज्यों में अब भी लॉकडाउन खोला नहीं गया है. ऐसे में ज़्यादातर डीलर्स के लिए रेवेन्यू बहुत कम रहा क्योंकि बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसके चलते डीलर्स अपने बकाया लोन का भुगतान करने में असमर्थ होंगे. अब डीलर्स की इसी समस्या का समाधान करने के लिए डीलर्स असोसिएशन ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि बैंक्स को टर्नओवर लिमिट में बदलाव करने की जगह डीलर्स को 90 दिनों का समय देना चाहिए.

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