भारत में डैटसन के सफर का हुआ अंत, कारों का निर्माण रुका
हाइलाइट्स
निसान इंडिया ने भारतीय बाजार से डैटसन ब्रांड को बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसने चेन्नई में कंपनी के संयंत्र से डैटसन रेडी-गो का उत्पादन बंद कर दिया है. कंपनी ने 2020 में ही रूस और इंडोनेशिया जैसे वैश्विक बाजारों में डैटसन ब्रांड का संचालन बंद कर चुकी है. निसान ने ब्रांड के विश्व स्तर पर फिर से लॉन्च होने के ठीक 9 साल बाद देश में उसका परिचालन बंद कर दिया, भारतीय बाजार में बहुत सारे ग्राहक हैं जिन्होंने गो हैचबैक, गो प्लस एमपीवी और रेडी-गो खरीदा है. कंपनी ने फिर से पुष्टि की है कि उसके राष्ट्रीय डीलरशिप नेटवर्क से बिक्री के बाद सेवा, भागों की उपलब्धता और वारंटी सपोर्ट सभी मौजूदा और भविष्य के डैटसन मालिकों के लिए जारी रहेगा.
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निसान इंडिया के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "निसान की वैश्विक परिवर्तन रणनीति के हिस्से के रूप में, निसान मुख्य मॉडल और सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो ग्राहकों, डीलर भागीदारों और व्यवसाय को सबसे अधिक लाभ पहुंचाते हैं. डैटसन रेडी-गो का उत्पादन चेन्नई में बंद हो गया है. प्लांट (रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) मॉडल की बिक्री अभी भी जारी है. हम सभी मौजूदा और भविष्य के डैटसन मालिकों को आश्वस्त कर सकते हैं कि ग्राहकों की संतुष्टि हमारी प्राथमिकता बनी हुई है, और हम बिक्री के बाद सर्विस पार्ट्स की उपलब्धता, को उच्चतम स्तर प्रदान करना जारी रखेंगे." चेन्नई संयंत्र आखिरी विनिर्माण सुविधा थी जहां डैटसन मॉडल अभी भी बनाए जा रहे थे.
डैटसन इंडिया का हमारे बाजार में नौ साल का लंबा कार्यकाल रहा है. ब्रांड ने 2013 में गो हैचबैक के साथ परिचालन शुरू किया जो बाद में गो प्लस 7-सीटर कॉम्पैक्ट एमपीवी और फिर 2016 में रेडी-गो द्वारा शामिल हो गई. हालांकि, 2018 में एक बड़ा बदलाव प्राप्त करने के बाद गो हैच और गो प्लस एमपीवी दोनों को जल्द ही चरणबद्ध रूप से बंद कर दिया गया था. मेड-इन-इंडिया डैटसन मॉडल को दक्षिण अफ्रीका जैसे अन्य उभरते बाजारों में भी निर्यात किया जा रहा था. घरेलू बाजार में डैटसन की बिक्री का प्रदर्शन भी खराब हो रहा था क्योंकि पिछले साल इसने जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 की अवधि में हमारे बाजार में सिर्फ 4000 से अधिक इकाइयाँ बेचीं, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 0.09 प्रतिशत थी.
गौरतलब है कि निसान ने 32 साल के लंबे अंतराल के बाद 2013 में डैटसन ब्रांड को एक बार फिर पेश किया था और इस बार, इसका फोकस क्षेत्र उभरते बाजारों और एंट्री-लेवल सेगमेंट पर था. लेकिन अत्यधिक लागत में कटौती की वजह से डैटसन मॉडल का खराब क्रैश टेस्ट प्रदर्शन निराशाजनक रहा जो कि कुछ प्रमुख कारण थे जिनकी वजह से इसकी बिक्री का ग्राफ अंततः नीचे चला गया. वास्तव में, निसान मैग्नाइट सबकॉम्पैक्ट एसयूवी, जो भारत में जापानी ब्रांड के लिए ब्रेड-एंड-बटर मॉडल थी, के कॉन्सेप्ट को डैटसन मॉडल के रूप में ही पेश किया गया था,लेकिन बाद में इसे निसान बैज लगाकर बेचा गया जो कि इस वक्त देश के सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी सेगमेंट में एक मजबूत मॉडल बनकर उभरी है.
Last Updated on April 21, 2022
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