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भारत में अब 15 साल पुराने वाहनों को किया जाएगा नेस्तनाबूत, गडकरी बोले नीति लगभग तैयार

भारत में जल्द ही एक नीति लागू की जाने वाली है जिसमें 15 साल से पुराने वाहनों को नष्ट करने की बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही. इसका मकसद देश में तेज़ी से बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाना है. नीति के अंतर्गत 1 दशक पुराने लगभग 2.8 करोड़ वाहनों को हटाने प्रस्ताव रखा गया है. पढ़ें और क्या है इस नीति में?
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द्वारा अंशुमन साकल्ले

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प्रकाशित फ़रवरी 19, 2018

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हाइलाइट्स

  • नष्ट वाहनों को आटो पार्ट्स और अन्य जगहों पर इस्तेमाल किया जाएगा
  • V-VMP के प्रस्ताव में 2.8 करोड़ वाहनों को नष्ट करने की बात कही है
  • अनुमान है कि पॉलिसी से 10,000 करोड़ का फायदा ऑटो इंडस्ट्री को होगा
भारत में जल्द ही एक नीति लागू की जाने वाली है जिसमें 15 साल से पुराने वाहनों को नष्ट करने की बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही है. इसका मकसद देश में तेज़ी से बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाना है. भारत के सड़क और परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि, “ऐसे वाहनों को नष्ट करने की नीति हमने लगभग पूरी तैयार कर ली है जो नीति आयोग के साथ मिलकर किया गया है.” केंद्रीय मंत्री ने ज़्यादा जानकारी ना देते हुए कहा कि जो भी वाहन 15 साल या उससे ज़्यादा आयु वाले हैं उन्हें नष्ट किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि भारत ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हब बना हुआ है और वाहनां की कीमतें भी काफी कम करने के लिए ऐसे वाहनों के पुर्ज़े और इसके स्क्रैप को दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा.

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नितिन गडकरी ने कहा कि, “वाहनों के लिए कच्चा माल सस्ते दाम पर उपलब्ध होगा .. आगे वाहनों के उत्पादन में स्क्रैप वाहनों से निकला प्लास्टिक, रबर, एल्युमीनियम और तांबा इस्तेमाल किया जाएगा.” इससे पहले सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इसे लेकर एक इको सिस्टम बनाने के लिए वॉलेंटरी व्हीकल फ्लीट मॉडर्नाइज़ेशन प्रोग्राम पर एक कॉन्सेप्ट नोट भेजा था. इसमें सेक्रेटरीज़ की एक कमेटी वॉलेंटरी स्क्रैपिंग और प्रदूषण पैदा करने वाले पुराने वाहनों को बदलने के लिए इको सिस्टम बनाने को कहा गया है. इस नीति के अंतर्गत भारत में एक दशक पुराने लगभग 2 करोड़ 80 लाख वाहनों को हटाने प्रस्ताव रखा गया है.

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सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहले बताया था कि हमें इस नीति में काफी दिलचस्पी है और प्रदूषण का 65 % हिस्सा 15 या 15 साल से अधिक उम्र वाले वाहनों द्वारा पैदा होता है. पिछले प्रस्ताव के हिसाब से लगभग 15 लाख रुपए के कमर्शियल वाहन की खरीद के साथ अगर ग्राहक 15 साल पुराना वाहन सरेंडर करता है तो उसे 5 लाख रुपए तक की राहत दी जाएगी. नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि जैसे ही ये प्रस्ताव पारित होता है, इसके परिणाम स्वरूप 10,000 करोड़ टैक्स रेवेन्यू बढ़ेगा जिसका पूरा फायदा ऑटोमोबाइल सैक्टर को होने वाला है.
 
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