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टाटा अल्ट्रोज़ ऑटोमैटिक का रिव्यू

कार के पहली बार लॉन्च होने के तकरीबन 2 साल के बाद टाटा मोटर्स ने अल्ट्रोज़ ऑटोमैटिक को बाज़ार में लॉन्च किया है. हम कर रहे हैं इसकी सवारी.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित मार्च 30, 2022

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Story

हाइलाइट्स

    टाटा अल्ट्रोज़ हमेशा से फीचर्स से भरी हुई कार रही है, जिनमें से कुछ तो सेगमेंट में किसी और कार में नही मिलते हैं. यह चलाने में भी काफी मज़ेदार है लेकिन कार के एक ऑटोमैटिक मॉडल का इंतज़ार काफी समय से कई लोगों को था. अब अल्ट्रोज़ के पहली बार लॉन्च होने के तकरीबन 2 साल के बाद कंपनी ने ऐसा ही किया है. कुल मिलकार टाटा अल्ट्रोज़ डीसीए 7 वेरिएंट्स में पेश की गई है और हमने सवारी की सबसे महंगे XZ+ की.

    इंजन

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    कार चलाने में काफी हद तक मज़ेदार है और गियर आसानी से बदलते हैं.

    अल्ट्रोज़ का ऑटोमैटिक विकल्प इसके 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आया है, तो फिल्हाल आपको कार के टर्बो या डीज़ल मॉडलों पर मैनुअल से ही काम चलाना होगा. यह 1,199 सीसी का इंजन 6,000 आरपीएम पर 85 बीएचपी और 3,300 आरपीएम पर 113 एनएम टॉर्क बनाता है. अहम है कि कार में 6-स्पीड का डीसीटी गियरबॉक्स दिया गया है जिसे सबसे दमदार ऑटो गियरबॉक्स के रूप में जाना जाता है. यह चलाने में काफी हद तक मज़ेदार है और गियर आसानी से बदलते हैं. हां कभी-कभी ऐसा जरूर महसूस होता है कि ऊंचे गियर तक जाने में कुछ ज़्यादा समय लग रहा है. यह शहरी यातायात में तो काम की चीज़ है लेकिन हाईवे पर आपको शायद पसंद न आए. हां इससे बचने के लिए आप मैनुअल तरीके से गियर बदले सकते हैं.

    यह भी पढ़ें: टाटा अल्ट्रोज़ ऑटोमैटिक भारत में हुई लॉन्च, कीमतें ₹ 8.10 लाख से शुरू

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    अल्ट्रोज़ का ऑटोमैटिक विकल्प इसके 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आया है.

    यह ऑटोमैटिक कार के मैनुअल मॉडल से करीब 20 किलो ज़्यादा भारी है. यह फर्क बड़ा नही है और इस बात के लिए टाटा की तारीफ करनी होगी. कंपनी का कहना है कि इस इकाई को अधिक कुशल और तेज बनाने के लिए कम पार्ट्स के साथ एक प्लानेट्री गियर सिस्टम दिया गया है. साथ ही ऑटोमैटिक गियरबॉक्स होने के बाद भी कार का माइलेज कुछ खास कम नही हुआ है. करीब 18 किमी प्रति लीटर पर यह लगभग मैनुअल मॉडल के बराबर ही है. इंजन काफी रिफाइंड भी है और बहुत कम शोर कैबिन के अंदर आता है.

    यह भी पढ़ें: carandbike अवार्ड्स 2022: टाटा पंच बनी कार डिजाइन ऑफ द ईयर

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    कार में 6-स्पीड का डीसीटी गियरबॉक्स दिया गया है.

    कार में एक्टिव कूलिंग के साथ वैट क्लच दिया गया है जो गर्मी और भारी यातायात में काफी काम की चीज़ है. यहां हर सेकेंड में 100 बार तेल के तापमान की जांच की  जाती है ताकि भीड़-भाड़ वाले रास्तों पर जब क्लच का इस्तेमाल ज़्यादा होता है तो आपकी कार गर्म होकर बंद ना पड़ जाए. टाटा का दावा है कि इस नए गियरबॉक्स में, एक पारंपरिक डीसीटी की तुलना में शिफ्ट 250 मिलीसेकंड तेज है. साथ ही यहां शिफ्ट-बाय-वायर तकनीक भी दी गई है जो मिलने वाली ताकत में किसी भी कमी को दूर करने में मदद करती है. लेकिन हमे यहां पैडल शिफ्टर्स की कुछ कमी महसूस हुई, जो निश्चित रूप से कार को ड्राइव करने में रोमांचक बना देता.

    राइड और हैंडलिंग

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    हमारा मानना ​​है कि स्पोर्ट मोड होता तो कार को चलाने में ज़्यादा मज़ा आता.

    कार का सस्पेंशन थोड़ा सख्त महसूस होता है और यह इसके चरित्र से अच्छी तरह से मेल खाता है. आप ऊंची रफ्तार पर भी खराब सड़कों बिना किसी परेशानी के चल सकते हैं. हां एक जगह हैं जहां अब भी सुधार की गुँजाइश हो वो है कार का स्टीयरिंग जो फीडबैक देने में थोड़ी देरी कर देता है जिसकी आदत आपको डालनी होगा. एक चीज जो इस इंजन-गियरबॉक्स के मेल से छूट जाती है, वह है अलग-अलग ड्राइविंग मोड, और हमारा मानना ​​है कि स्पोर्ट मोड होता तो कार को चलाने में ज़्यादा मज़ा आता.

    यह भी पढ़ें: 1 अप्रैल से बढ़ेंगी टाटा मोटर्स के कार्मशियल वाहनों की कीमतें, जानें कितना होगा इजाफा

    सुरक्षा

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    यह भारत में बिकने वाली सबसे सुरक्षित कारों में से एक है.

    टाटा ने टाटा अल्ट्रोज़ डीसीए में एक बहुत काम का सुरक्षा फीचर दिया है जिसका नाम है ऑटो पार्क लॉक. अगर आप अपना सफर अंत होने के बाद कार को पार्क की जगह न्यूट्रल में छोड़ देते हैं तो कार स्वयं ही पार्क मोड में चली जाती है जिससे किसी ढलान पर भी यह आगे-फीछे नही जाती. मैने इसको परखा और इस फीचर ने शानदार तरीके से काम किया. याद रखिए अल्ट्रोज़ को 5-स्टार क्रैश टैस्ट रेटिंग भी मिली है जिसका मतलब है कि यह भारत में बिकने वाली सबसे सुरक्षित कारों में से एक है.

    कैबिन

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    आपको टचस्क्रीन सिस्टम हर वेरिएंट पर मिल जाएगा जो बहुत अच्छी चीज़ है.

    मैनुअल वेरिएंट की तुलना में कैबिन में कोई बदलाव नही दिखा है. यह पहले की तहह ही प्रिमियम और आकर्षक लगता है. अल्ट्रोज़ डीसीए के कैबिन में ब्लैक और ग्रे रंगों का इस्तेमाल बरकरार है. अच्छी बात यह है कि आप पैसे बचाने के लिए निचले वेरिएंट पर भी ऑटोमैटिक का चयन कर सकते हैं क्योंति यहां कई सारे ट्रिम्स की पेशकश की गई है. आपको टचस्क्रीन सिस्टम हर वेरिएंट पर मिल जाएगा जो बहुत अच्छी चीज़ है, हां iRA कनेक्टेड कार तकनीक केवल सबसे महंगे XZ+ पर ही उपलब्घ है.

    डिज़ाइन

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    अल्ट्रोज़ एक सुंदर दिखने वाली हैचबैक बनी हुई है, चाहे रंग कोई भी हो.

    डिजाइन के मामले में, अल्ट्रोज़ डीसीए बिल्कुल नही बदली है और केवल पीछे की तरफ डीसीटी बैज ही है जो आपको इसे पहचानने में मदद करेगा. हां इसे एक नया ऑपरा ब्लू रंग ज़रूर मिला है जिसे आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं. कार के साथ डार्क एडिशन भी उपलब्ध जिसमें काले पहिये, कई जगह डार्क क्रोम और ऑल-ब्लैक इंटीरियर थीम मिलता है. अल्ट्रोज़ एक सुंदर दिखने वाली हैचबैक बनी हुई है, चाहे रंग कोई भी हो.

    कीमतें और फैसला

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    अल्ट्रोज़ में फीचर्स की कोई कमी नही और 5-स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग तो है ही.

    Tata Altroz DCA की कीमतें Rs. 8.10 लाख और रु 9.90 लाख (एक्स-शोरूम, भारत) के बीच हैं. इसके अलावा सेगमेंट में केवल ह्यून्दे i20 ही है जो DCT गियरबॉक्स के साथ आती है लेकिन उसके 4 ट्रिम्स की कीमतें रु 9.76 लाख और रु 11.48 लाख के बीच हैं जो अल्ट्रोज़ से काफी ज़्यादा है. अल्ट्रोज़ में फीचर्स की कोई कमी नही और 5-स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग तो है ही. ड्राइव भी आपको निराश नही करती और ऑटोमैटिक आराम के साथ बढ़िया माइलेज भी देता है. यह सब इसे एक अच्छा पैकेज बनाते हैं. बाजार में डीसीटी कारों की बढ़ती मांग के साथ, टाटा को उम्मीद है कि अल्ट्रोज़ डीसीए सेगमेंट में ग्राहकों की पहली पसंद बनेगी.

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