बिल्कुल नई रेनॉ ट्राइबर के लॉन्च की जानकारी आई सामने, जानें कब पेश होगी MPV
हाइलाइट्स
रेनॉ ट्राइबर के बारे में हम एक और खबर लेकर आए हैं और वह यह कि कंपनी इस MPV को 2019 की दूसरी छःमाही में लॉन्च करेगी. रेनॉ इंडिया ने बताया कि इस कॉम्पैक्ट 7-सीटर MPV को खासतौर पर भारतीय बाज़ार के लिए डिज़ाइन किया गया है और बाकी बाज़ारों से पहले इसे भारत में लॉन्च किया जाएगा. इसका सीधा मतलब है कि रेनॉ ट्राइबर को त्योहारों के सीज़न में लॉन्च किया जाएगा. रेनॉ ने बिल्कुल नई 7-सीटर में खूब सारे केबिन स्पेस के साथ अल्ट्रा-मॉड्युलर MPV बनाया गया है. रेनॉ ट्राइबर का प्रारूप इतना लचीला है कि यह कार दो तरीके से काम कम करती है. कहने का मतलब ये है कि ट्राइबर में सैगमेंट की पहली अलग हो जाने वाली तीसरी पंक्ति की सीट दी गई है.
इस कॉम्पैक्ट 7-सीटर MPV को खासतौर पर भारतीय बाज़ार के लिए डिज़ाइन किया गया है
2019 रेनॉ ट्राइबर की तीसरी कतार वाली सीट को आसानी से अलग किया जा सकता है और यह संभवतः मैन्युअल प्रोसेस होगा लेकिन चालक इसे आसानी से अलग कर सकता है. मॉड्युलर बताने के साथ कंपनी ने इसे मॉड्युलर बनाया भी है क्योंकि जहां आप यात्री ज़्यादा होने पर 7-सीट का इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं ज़रूरत के हिसाब से इसकी पिछली सीट निकालकर उपलब्ध जगह का इस्तेमाल लगेज रखने में लिया जा सकता है. कार की पिछली सीट पर बैठने के लिए बीच की सीट को फोल्ड करना होगा और इसकी छत की हाईट ज़्यादा होने से यह काम आसान हो जाता है. भारत में रेनॉ ट्राइबर का मुकाबला मारुति सुज़ुकी विटारा ब्रेज़ा के साथ होंडा डब्ल्यूआर-वी जैसी कारों से होगा.
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रेनॉ ने कार के प्लैटफॉर्म में भी हल्के बदलाव किए हैं जिससे यह कार समान प्लैटफॉर्म बनी क्विड और डैट्सन रेडीगो से बहुत अलग है. टकराव और सुरक्षा के लिहाज से रेनॉ ट्राइबर इन दोनों कारों से बहुत बेहतर है और उच्च गुणवत्ता वाली है. रेनॉ ट्राइबर में संभवतः एबीएस और डुअल-एयरबैग्स सामान्य रूप से दिए जाएंगे. हमें बताया गया है कि ट्राइबर को कई सारे वेरिएंट्स में लॉन्च किया जाएगा, ऐसे में कार को आकर्षक कीमत देने के साथ बेहतरीन फीचर्स से लैस किया जाएगा जिनमें टचस्क्रीन कनेक्टिविटी, सनरूफ और क्लाइमेट कंट्रोल शामिल हैं.
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रेनॉ ट्राइबर के बारे में फिलहाल ये सारी बातें अनुमनित ही हैं और इसकी पुष्टि 2019 में त्योहारों के सीज़न में होगी जब कंपनी इसे भारत में लॉन्च करेगी. रेनॉ इंडिया ट्राइबर को भारत में बनाएगी और यह इसके उत्पादन का मुख्य बाज़ार होगा, भारत में बनाई गई ट्राइबर को दुनिया के बाकी हिस्सों में निर्यात किया जाएगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. ट्राइबर में लगा प्लैटफॉर्म रेनॉ और निसान दोनों को सहायता करेगा कि कार मॉडल में पहले से दिए जा रहे पुर्ज़ों को आगे कैसे इस्तेमाल किया जाए.
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