लॉकडाउन की मार के चलते बेरोज़गार हुए ओला के 1,400 कर्मचारी
हाइलाइट्स
कोरोनावायरस महामारी के कारण पिछले दो महीनों में राइड हेलिंग कैब कंपनियों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. इस दौरान ओला कैब्स ने अपनी कमाई में 95% की बड़ी गिरावट देखी है और नतीजा यह हुआ है कि कंपनी ने अब देश में अपने कुल कार्यबल के एक-चौथाई हिस्से को नौकरी से हटाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि कुल 6,000 कर्मचारियों में से 1,400 अब कंपनी के साथ काम नहीं करेंगे. ये कटौती एक सप्ताह पहले प्रभावित हुई थी. इस हफ्ते की शुरुआत में ओला की प्रतिद्वंद्वी उबर ने भी भारत में 600 नौकरियों में कटौती का ऐलान किया था.
यह भी पढ़ें: उबर ने भारत में 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, लॉकडाउन की मार का असर
ओला के सह-संस्थापक और सीईओ, भावेश अग्रवाल ने एक लिखित संचार में इसे अब तक का सबसे कठिन फैसला बताया है. उन्होंने कहा, "हम सभी को शुरुआत में उम्मीद थी कि यह एक हल्का संकट होगा और इसका असर थोड़े समय तक की होगा. लेकिन दुर्भाग्य से, यह एक छोटा संकट नहीं है. हमारे व्यापार के लिए आगे की भविष्यवाणी भी बहुत अस्पष्ट और अनिश्चित है. लोगों को फिर पहले की तरह बाहर जाने में लंबा समय लगेगा. दुनिया जल्द कोरोना से पहले के युग में वापस जाने वाली नहीं है."
हाल ही में ओला के प्रतिद्वंद्वी उबर ने भी भारत में 600 कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए कहा है
कंपनी का कहना है कि हर प्रभावित कर्मचारी को 3 महीने की सेलेरी मिलेगी. ऐसे कर्मचारी अपने और अपने परिवार के लिए 31 दिसंबर, 2020 तक या अगली नौकरी पाने तक जो भी पहले हो, अपने चिकित्सा, जीवन और दुर्घटना बीमा कवर का उपयोग करना जारी रख सकते हैं. हर कर्मचारी को माता-पिता के लिए 2 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा भी दिया जा रहा है. कंपनी का यह भी कहना है कि प्रभावित कर्मचारियों को नई नौकरियां दिलाने में वह मदद भी करेगी.
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